हैल्लो दोस्तो कैसे है आप ? उम्मीद करता हुँ आप सभी
मेरी तरह ही ठीक होंगे। पिछली पोस्ट में हमने कंम्पनी बनाना और उसकी Shortcut keys के बारे में सिखा था। आज हम
Tally Prime Ledger Create करना सिखेंगे। लेकिन उससे पहले हम ये जानेगें। कि लेजर. क्या हैं।
*Ledger
Accounting
Ledger वास्तविक खातोँ की इकाई है जिसकी
पहचान कर आप लेन-देनों का लेखा Voucher Entry द्वारा करते हैं। बिना
लेजर. खातों के हम किसी भी लेन-देन की Entry नहीं
करते हैं। अन्य अर्थोतों में Ledger का मतलब हैं- जर्नल
में प्रत्येक व्यवहार की अलग-अलग प्रविष्टि की जाती हैं,
अतः जर्नल से किसी एक प्रकार या व्यक्ति से सम्बन्धित व्यवहारों की कुल स्थिति
ज्ञात नहीं हो पाती है। उदाहरण के लिए जर्नल से यह ज्ञात नहीं होता है कि किसी अवधि
में कुल कितना माल खरीदा गया या कुल कितना माल बेचा गया। इस हेतु यह आवश्यक हो
जाता है कि एक प्रकार के अथवा एक व्यक्ति से सम्बन्धित समस्त व्यवहारों को एक
स्थान पर लिखा जाए। यह कार्य
खाताबही (Ledger) में विभिन्न खाते खोलकर किया जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि जर्नल और सहायक
बहियों में लेन-देनों की प्रविष्टियाँ करने के बाद उनका वर्गीकरण किया जाता है। यह
वर्गीकरण ‘खाताबही’ (Ledger) में होता है।
*Importance of Ledger (खाताबही की महत्त्वता)
व्यापार
में अन्य कोई ऐसी पुस्तक नहीं है जो खाताबही की तरह समस्त लेन-देनों की पूर्ण एंव स्पष्ट
जानकारी दे सके। खाताबही के निम्नलिखित लाभ हैं –
1) प्रत्येक खाते की जानकारी- व्यापारी को खाताबही में खोले गए प्रत्येक खाते से सम्बन्धित समस्त सही एंव
आवश्यक जानकारी एक ही स्थान पर शीघ्र प्राप्त हो जाती है।
2) आगम एंव देयताओं का ज्ञान- खाताबही में आगम (Income) एंव व्यय (Expenses) की प्रत्येक मद(Items) का खाता खोला जाता है। इससे व्यापारी को यह ज्ञात हो जाता है कि आय एंव व्यय
के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं और प्रत्येक की क्या स्थिति है।
3) सम्पत्तियों एंव देयताओं का ज्ञान- खाताबही में समस्त सम्पत्तियों (Assets) एंव देयताओं (Liabilities)
के खाते खोले जाते हैं। इन खातों से व्यापार की सम्पत्तियों एंव दायित्वों के
सम्बन्ध में पूर्ण एंव विश्वसनीय ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
4)
अन्तिम
खाते बनाने में सुविधा- खाताबही
में खोले गए विभिन्न खातों के शेषों से अन्तिम खाते (Final Account – Profit &
Loss or Balance Sheet)
तैयार करने में विशेष सुविधा होती है।
*दोस्तों हमने ऊपर समझ लिया है कि
खाताबही (Ledger) क्या
है और इसकी क्या महत्त्वता है। अब हम जानेंगे कि Tally Prime में Ledger कैसे
बनाए? नीचे
Step सिखायेंगे और जानेंगे कैसै Create करने है Ledgers.
**खाताबही का निर्माण (Account Ledger Creation)-Steps
1)
Tally Prime में Ledgers Create
करने के लिए पहले आपको टैली प्राइम के Gateway of Tally > Account info. > Ledger में जाएँ। यदि आप बहुनविकल्पी लेजर. का निर्माण
करना चाहते हैं तो आप बहुनविकल्पी लेजर (Multiple Ledger.) का चुनाव कर सकते हैं।
(Tally Prime में एक नया Feature Add किया
गया आप Tally
Prime के Dashboard पर
आकर Go to Search पर जाकर Ledger Search करके
Create Ledger पर तुरंत जा सकते हैं।)
2)
Create Ledger पर क्लिक करें। उदाहरण (Example)-अगर आप Sundry
Creditor (Trader A) का Ledger बना रहे हैं तो नीचे दिये गये Steps को
Follow करें।
tally prime company creation?
A.) Name of Creditor (लेनदार का नाम)
यहाँ पर लेनदार का नाम
दर्ज कीजिए। यहाँ पर आप खाते(लेनदार) का पूरा नाम Fill कर
सकते है।जैसे हमने Trade A का
नाम लिखा हैं। Tally
Prime इसे एक ही जगह पर उपयुक्त रूप से समायोजित
कर देगा।
B.) Selected a Group (उचित
समूह का चयन)
उचित खातों मे सही और उपयुक्त
Group को चुना चाहिए अन्यथा Final Account तैयार करते समय आप गलत ब्यौर और गलत निष्कर्ष निकाल सकते है। अगर आप किसी लेनदार
का लेजर. बना रहे हैं तो Group को चुनते समय Sundry Creditor का ही चयन करें। गलत चयन करने पर इस प्रभाव आपके Final Accounts ( P&L A/c और Balance Sheet ) पर पड़ेगा। अगर आप किसी भी Group को बदलना चाहते है।तो वापिस Create Ledger जाकर Alter पर
क्लिक करके उसे Change कर
सकते हैं।
C.)
Maintain balance Bill-by-Bill (बिल-बाई-बिल शेष बनाए रखना)
यह विकल्प तब प्रयोग किया जाता है जब
आप यह चाहते हैं कि बिल-बाई-बिल या बिल
आधार शेष को बनाए रखना चाहते हैं। सामान्य रूप से यह विकल्प विविध देनदारों (Sundry Debtors) और विविध लेनदारों (Sundry Creditors) के खातों
के लिए उपयोगी हैं
D.) Opening Balance (प्रारम्भिक
शेष)
एक विद्यमान कम्पनी जिसकी
लेखा-पुस्तकों को आप Tally Prime में सभाँलने जा रहे हैं तो आपको
यहाँ पर प्रारम्भिक शेष दर्ज करना पड़ेगा। प्रारम्भिक शेष को यहाँ दर्ज करना उन्हीं
परिस्थतियों में लागू होगा जबकि लेजर या तो सम्पत्ति(Assets)के लिए बनाया गया है या फिर दायित्व(Liabilities)
के लिए बनाया गया है।
E.)
Address of Business (फर्म
का पता)
यहाँ पर आपको फर्म का पूरा
पता लिखना होगा। इसमें आपको निम्नलिखित जानकारी Fill करनी
होगी।
·
Address (पता)- पूरा पता लिखिए। इसमे फर्म का पता Fill कीजिए।
स्थान की पूरी जानकारी जैसे आस-पास (Nearby Area) की जगह आदि।
·
Country (देश)- पते में देश की जगह जैसे कि-India, U.S.A
Etc. Fill कीजिए।
·
State (राज्य)- पते में राज्य की जगह जैसे कि-Delhi, Up., Assam
Etc. Fill कीजिए।
·
Pin Code (पिन कोड)-पते में पिन कोड (Pin Code) की जगह जैसे कि- 110096 Etc. Fill कीजिए।
·
Mobile No. (दूरभाषा स.)- पते में दूरभाषा स. की जगह जैसे कि-997623412 Etc. Fill कीजिए।
·
GSTIN No./UIN NO. (जीएसटी न0. /यू.आई.एन न0.)-यहाँ पर आपको Party
का जीएसटी न0. /यू.आई.एन
न0. Fill करना हैं।
उपयुक्त Steps को
Follow करें। इससे आप आसानी से और जल्द Ledger बना पायेंगे।
नमस्कार दोस्तों आशा करता हुँ। की आप को मेरा पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। यदि आप को पोस्ट में किसी भी Steps
में Ledger को Create में समझने में परेशानी हो रही है। तो आप मुझे Comment
Box में पूछ सकते है। में आप की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता हुँ। और दोस्तों यदि आप इसी तरह Accounting
और Tally
Prime से सम्बंधित पोस्ट निरंतर प्राप्त करना चाहते है। तो आप मेरे ब्लॉग को Follow
or Share कर सकते हैं।
आपका दोस्त एंव सहायक
चेतन
धन्यबाद..
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